“सड़क पर नौकरी! हाईकोर्ट ने कहा – दोबारा दो Exam!”

Lee Chang (North East Expert)
Lee Chang (North East Expert)

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में असम राज्य परिवहन निगम (ASTC) के 771 संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी को वैध ठहराते हुए भर्ती घोटाले पर बड़ा संदेश दिया है।

भर्ती में धांधली! बिना इंटरव्यू, बिना आरक्षण नीति के हुई हायरिंग

जांच में सामने आया कि पूर्व प्रबंध निदेशकों आनंद प्रकाश तिवारी और खगेंद्र नाथ चेतिया के कार्यकाल में करीब 2,274 लोगों को सीधे अनुबंध पर रख लिया गया था।
इन भर्तियों में न तो आरक्षण नीति का पालन हुआ, न ही इंटरव्यू, और न ही कोई औपचारिक चयन प्रक्रिया। मतलब, सरकारी नौकरी का ‘शॉर्टकट’ अपनाया गया।

हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश – “नियम से ही नौकरी मिलेगी”

बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीन महत्वपूर्ण बातें कहीं:

  1. फिलहाल नौकरी बनी रहेगी, जब तक वैकेंसी औपचारिक रूप से नहीं भरी जाती।

  2. नई नियुक्तियों के लिए सभी को प्रतिस्पर्धा करनी होगी, यानी परीक्षा या इंटरव्यू से गुजरना होगा।

  3. 2023 से अब तक का कोई वेतन दावा नहीं किया जा सकता।

सरकार की बड़ी कार्रवाई: ‘कारण बताओ नोटिस’ और 60 दिन की जांच डेडलाइन

राज्य परिवहन विभाग ने दोनों पूर्व MDs को सरकारी नियमों के उल्लंघन के लिए शो-कॉज नोटिस भेजा है। साथ ही, विभाग ने आदेश जारी किया है कि 60 दिनों के भीतर पूरी नियुक्तियों की समीक्षा कर ली जाए। इसके बाद सभी अनियमित नियुक्तियों को खत्म कर दिया जाएगा।

अब क्या होगा?

सभी वर्तमान संविदा कर्मचारी नई भर्ती प्रक्रिया में फिर से आवेदन कर सकते हैं। केवल योग्य और विधिवत चयनित उम्मीदवारों को ही नियुक्ति दी जाएगी। इससे भविष्य में सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और विश्वास कायम होगा।

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